Tuesday, March 14, 2023

तू आराध्य तू है ईश तू

तू आराध्य है ईश तू

भगवान तू  ही  है ईश तू।
जगन्नाथ तुम जगदीश तू।
महामना महान महीष तू।
देते सभी को आशीष  तू

चलाते तुम ही जहान को।
पाताल-मही आसमान को।
सुनते सभी के तू अान को।
रखते सभी के तू शान को।

तुम सबके पालन हार हो।
करूणा के तुम अवतार हो।
तुम ही  नाव खेवन हार हो।
दुखियों के तुम ही पुकार हो।

       सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

3 comments:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा गुरुवार (16-3-23} को "पसरी धवल उजास" (चर्चा अंक 4647) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा

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  2. चलाते तुम ही जहान को।
    पाताल-मही आसमान को।
    वाह!!!
    बहुत सुंदर उपासना।

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  3. सुंदर प्रार्थना

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