तुलसी पूजन
तुलसी की महिमा अपार,
चलो सखी तुलसी पूजन को।
कर लो तू सोलह श्रृंगार,
चलो सखी तुलसी पूजन को।
हर घर में माता तुलसी बिराजे।
हरी-हरी डाली,श्याम पत्र साजे।
शोभे सकल संसार,चलो सखी.....
गंगा जल से लोटक भरकर।
तुलसी-जड़ में जल अर्पण कर।
तुलसी का कर विस्तार,चलो सखी.....
सिंदूर,अक्षत,,पुष्प चढ़ाओ।
दाख-छुहारा भोग लगाओ।
कपूर से आरती उतार,चलो सखी.....
तुलसी की सेवा राम जी को भाबे।
राम जी को भाबे,कृष्ण को सुहाबे।
शालिग्राम जी लिए अवतार,चलो सखी.....
तुलसी महिमा सबको सुनाओ।
भक्ति-भाव से भजन तू गाओ।
कर लो जय-जयकार,चलो सखी.....
तुलसी मां को शीश नवाकर।
वर मांगो दोनों हाथ उठाकर।
आशीष मिलेगा अपार,चलो सखी.....
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
स्वरचित,मौलिक
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