हे शहीद वीर भारत के जन।
मुझको शत शत बार नमन।
तुझसे ही देश महान बना।
है तेजस गौरववान बना।
तुमने ही इसे संवारा है।
इसका रूप निखारा है।
बेड़ियां इसकी तोड़ी तुमने।
कांटी है बंधन डोरी तुमने ।
तुम इसका रखवाला है।
इसपर तू मरने वाला है।
लोहु से धरती कर लाल।
किया उन्नत जंग में भाल।
प्राणों को कर न्योछावर।
जीवन दाता तूं हुए अमर।
अपने सिर पर बांध कफ़न।
कलि का रावण किया हनन।
खुशबू से है भर दिया चमन।
वीरों तुझको शत बार नमन।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
स्वरचित, मौलिक
नमन ... भावपूर्ण अभिव्यक्ति .
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