सूप लिए वर्ती , जल में खड़ी है।
छठ-पूजन की,शुभ-शुभ घड़ी है।
जोड़ा नारियल औ पान-सुपारी।
किशमिश- छुहारा और गड़ी है।
पुआ-पकवान,चावल की लड्डू,
संतरा- सेव से डलिया भरी है।
उगते सूर्य को सब- जन पूजे,
डूबते-सूरज की महिमा बड़ी है।
आओ सब मिल अर्ध्य चढ़ाओ,
सविता से वर,लेने की घड़ी है।
सुजाता प्रिय समृद्धि
स्वरचित मौलिक
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