माखनचोर
माखन चोर भया नंदलाला।
यशोमती तेरा लाल गोपाला।।
बाल- सखा की पीठ चढ़कर,
छीके में से मटकी निकाला।
यशोमती तेरा लाल गोपाला।।
मटकी फोड़ा ,माखन खाया।
संग मिल दाऊ और ग्वाला।
यशोमती तेरा लाल गोपाला।।
सुभद्रा खाई, राधा भी खाई,
खाई संग में सब वृजवाला।
यशोमती तेरा लाल गोपाला।।
यशोमती से कहती ग्वालन।
क़्यों इस चोर को तूने पाला।
यशोमती तेरा लाल गोपाला।।
सुजाता प्रिय
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (11 -8 -2020 ) को "कृष्ण तुम पर क्या लिखूं!" (चर्चा अंक 3790) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा