Friday, August 2, 2019

मेंहदी का रंग

इच्छा की मेंहदी में,
प्यार का रंग मिला,
मन के सिलबट्टे पर,
अभिलाषा के लोढ़े से,
महीन कर मैने पीसा।
दिल के कूप  में भर,
अंगुलियों से दबाकर,
दोनों हथेलियों के,
बूटे के बीच में,
नाम उनका लिखा।
थोड़ी देर उसे सुखाकर,
पपड़ियों को छुड़ाकर,
देखा जब मैं हथेली ।
शंका भरी नजरों से,
भरी आँख कजरों से,
मैने पपड़ियों को देखा।
मुँह खोल मैने पूछा,
हे मेंहदी!
रंग तेरा था पूरा हरा,
फिर यह लालिमा तुझमें,
बोलो कहाँ से है आई।
क्या तूने सुबह के सूरज से,
यह रंग है चुराई ?
सुखी मेंहदी की पपड़ियाँ,
मुझे देख कर मुस्कुराई।
बोली-तूने मुझे घीस- पीसकर,
मेरी लहू है बहाया।
या फिर तेरे साजन के प्यार ने,
यह रंग है मिलाया।
          सुजाता प्रिय

14 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (04 -08-2019) को "आया है त्यौहार तीज का" (चर्चा अंक- 3417) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ....
    अनीता सैनी

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    1. जी नमस्ते अनीता बहन!मेरी इस छोटी-सी प्रविष्टि की चर्चा "आया है त्योहार तीज का"(चर्चाअंक 3417)पर करने के लिए सादर धन्यबाद।

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  2. वाह क्या उद्भावना है.

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  3. जी सादर धन्यबाद।

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  4. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    ५ अगस्त २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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  5. मेरी रचना को सोमवारीय विशेषांक में साझा करने के लिए बहुत-बहुत धन्यबाद श्वेता! सप्रेम।

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  6. बहुत ही सुंदर रचना
    साजन के प्यार का रंग सुर्ख लाल बताया आपने.. ये भी गजब की रही.

    पधारें कायाकल्प 

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  7. बहुत-बहुत धन्यबाद भाई।

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  8. वाह बहुत सुंदर सखी, मन के सुंदर अहसास हिना से मोहक ।

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    1. , धन्यबाद सखी! आभारी हूँ।

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  9. बेहद खूबसूरत रचना

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    1. जी सादर धन्यबाद सखी

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  10. वाह!!!
    बहुत लाजवाब...

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