Monday, April 8, 2019

मेरी बूढ़ी नानी जी

कहती खूब कहानी जी-----

मेरी बूढ़ी नानीजी।
कहती खूब कहानी जी।


कभी सुनहरी परियों वाली,
चुनरी ओढ़े परियों वाली,
पेड़ों पर की चिड़ियों वाली,
जिसकी मीठा वाणी जी।


कोई भूत- पिशाचों वाली,
जादू- खेल तमाशों वाली,
जमींदार और दासों वाली,
बातें सभी पुरानी जी।


कुछ में भालू - बंदर होेते,
सिंह पिंजरे के अंतर होेते,
कुछ में अंतर -मंतर होेते,
 कुछ में राजा- कहानी जी।


फूलों और गुलदस्ते  वाली,
हल्वे - पूरी नस्ते वाली ,
छोटी- मोटी सस्ते वाली,
करते आना- कहानी जी।

           सुजाता प्रिय

2 comments: