Friday, October 31, 2025

अम्बे माँ की चुनरिया

अम्बे माँ की चुनरिया

लहर -लहर लहराए रे, अम्बे माँ की चुनरिया।
भक्त जनों को भाए रे,अम्बे माँ की चुनरिया।

मैया की चुनरी में गोटा लगा है।हाँ गोटा लगा है।
मोती की लरियांँ सजाओ रे अम्बे माँ.........

मैया की चुनरी में सितारा जड़ा है,हाँ सितारा जड़ा है।
दवका भी उसमें बिठाओ रे, अम्बे माँ........

मैया की चुनरी में मोती लगा है,हाँ मोती लगा है,
लटकन भी उसमें लगाओ रे अम्बे माँ ......
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मैया की चुनरी में जरी लगा है,हाँ जरी लगा है।
धागा से फूल बनाओ रे अम्बे माँ की.....

मैया की चुनरी में घंटी लगा है,हाँ घंटी लगा है।
घुंघरू भी उसमें लगाओ रे, अम्बे माँ.........

मैया की चुनरी में प्रेम भरा है, हाँ प्रेम भरा है।
ममता का मिलता छांँव रे, अम्बे माँ............

Sunday, October 26, 2025

मांँ शारदे वंदन

मांँ शारदे वंदन 

हे ज्ञान दायिनी मांँ सरस्वती,नमन बारम्बार है।
नमन   बारम्बार   तुझको,   नमन बारम्बार है।
नमन बारम्बार तुमको...................
ज्ञान का वरदान दो माँ! हस्त पुस्तक धारिणी।
गीत  दो,  संगीत दो, हे  वाणी   वीणावादिनी।
हम सब तेरी संतान माता,  आये तेरे  द्वार  हैं।
नमन बारम्बार तुमको ...................
मन में स्वच्छ विचार दो, हे स्वेत  कमलासना।
बुद्धि-बल को निखार दो, हे  मातु   पद्मासना।
श्रद्धा सुमन चढाने आये, चढाने  आये हार हैं।
नमन बारम्बार तुमको...................
हे महाश्वेता शारदा, मेरी जड़मति को दूर कर। 
मेरे मन में चेतना की, सब  मति  भरपूर  भर।
तेरा - ही आशीष  से,  सुंदर   मेरा  संसार  है।
नमन बारम्बार तुमको....................
सब  कलुष  हर मेरे मन का, हे  श्री वागेश्वरी।
मेरा   मन  निर्मल  बना  दे,  हे  माता   ईश्वरी।
तेरे चरणों  से जुङा सब, मेरे  दिल का तार है।
नमन बारम्बार तुमको..........

कर

Saturday, October 25, 2025

मां शारदे प्रार्थना

मां शारदे प्रार्थना

हम आस लगाकर आये हैं,मैया मेरी आस पुरा देना।
जो भूल हुई मुझसे अम्बे,उसको तुम दिल से भुला देना।

हमको न समझ कुछ आता है,हम बालक सब नादान हैं माँ। 
जीवन के निमित्त क्या अच्छा है,हमको न इतना ज्ञान है मांँ। 
मैं जग हितकारी काम करूॅ,भुजाओं में शक्ति बढा देना
हम आस लगाकर...........

मांँ सब दुर्बुद्धि दूर करो,अज्ञान हमारा सब हर लो।
जन-मन के हित सब काम करूॅ,हे मातु मुझे ऐसा वर दो।
सन्मार्ग से माता जब भटकूं,मां राह तू हमको दिखा देना।
हम आस लगाकर..........
हम बालक तेरे चरणों में,मां शीश नवाने आये हैं।
हम पाने आये प्यार तेरा,आशीष भी पाने आये हैं।
मां प्यार से देखो एक नजर,मैं देखूं तुम मुस्का देना।
हम आस लगाकर..............

Wednesday, October 22, 2025

जनम लिए नन्दलाल

जनम लिये नन्दलाल ! बधाई भारत को।
नन्द के लाल, यशोदा के लालन,
मदन-मुरारी गोपाल ! बधाई भारत को।
जनम लिये नन्दलाल........
कंश-असूर को मार गिराए।ध्रुव-प्रहलाद के प्राण बचाए।
बनकर रक्षापाल बधाई भारत को।जनम लिये नन्दलाल.........
मुरली धुन पर राग सुनाये।व्रजवासिन को आन रिझाये।
छेड़े सुर-लय-ताल बधाई भारत को।जनम लिये नन्दलाल..............
गौ को चराकर वन-उपवन में।भर जन-जन के वे मन में।
गो पालन की चाल, बधाई भारत को।जनम लिये नन्दलाल.....
द्रौपदी की लाज बचाए।हाथ उठाकर चीर बढ़ाए।
सभा में किये कमाल, बधाई भारत को।जनम लिये......
अंगुली पर गिरि को उठाए।
व्रजवासियों को प्रलय से बचाए।
छत्र म गिरी को सम्हाल बधाई भारत को lजनम लिये नन्दलाल.......
अर्जुन के सारथी बन कर। गीता का उपदेश सुनाकर।
तोड़े माया जाल, बधाई भारत को।जनम लिये नन्दलाल............
जो जन-मन से आज बुलाते।किसी रूप में दौड़े हैं आते।
हरते हैं दुःख-काल, बधाई भारत को।जनम लिये नन्दलाल,...........
        सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

Tuesday, October 7, 2025

गणेश वंदना

                गणपति वंदन 

गौरी माँ के नंदना को बार-बार वंदना।
बार-बार वंदना,हजार बार-बार वंदना।
गौरी माँ के नंदना................
माथे मुकुट शोभे,गले में  मोती माला।
अंग  पीताम्बर  है   कांधे पर दुशाला।
हाथ  गौरी सुत के, शोभ  रहा कंगना।
गौरी माँ के नंदना.............
एक दाँत,चार हाथ, वदन बड़ा  भारी।
सूप-कान, सूढ- नाक, मूष है  सवारी।
छोटी-छोटी आखियां ,लगा है अंजना।
गौरी माँ के नंदना...............
लड्डू- मोदक खाते हैं, दूब  लगे प्यारी।
भक्त- जन  के देवा, हरते हैं  लाचारी।
लिलार  पर देखो, चमक  रहा चंदना।
गौरी माँ के नंदना.............
देवों  के  देव  हैं, घट - घट  के वासी।
बालकों  के  हर  लेते,  सारी  उदासी।
करते- ही स्मरण,झट आते हैं अंगना।
गौरी माँ के नंदना..............