जय माँ शारदे 🙏 🙏
होली गीत होलास्टक हेतु
मंद-मंद समीर चलत हैं,
फूल खिले कचनार सखी री ! २
फूल -फूल पर भौर उड़त हैं,
बीतत फागुन मास सखी री!२
क्षीर समुंदर विष्णु जी बैठे,
शंख में टेरे तान सखी री !
ऐसे टेर सुनाबत विष्णु,
शंख से उड़त गुलाल सखी री !
उड़कर रंग गया लक्ष्मी की चुनरी,
और रंगा गोरे गाल सखी री!
मंद-मंद समीर चलत हैं,
फूल खिले कचनार सखी री!
मधुवन में श्रीराम खड़े हैं,
धनुष से छोड़े तीर सखी री!
ऐसे तीर चलाबत रघुवर,
तीर से उड़त गुलाल सखी री !
उड़कर रंग गयी सीता की साड़ी,
और रंगा गोरे गाल सखी री।
मंद-मंद समीर चलत हैं ,
फूल खिले कचनार सखी री!
यमुना के तीर में कृष्ण कन्हैया,
वंशी में छेड़े तान सखी री!
ऐसे वंशी बजाए कन्हैया,
वंशी से उड़त गुलाल सखी री!
उड़कर रंग गयी राधा की चोली,
और रंगा गोरे गाल सखी री!
मंद-मंद समीर चलत हैं,
फूल खिले कचनार सखी री!
कैलाश गिरी पर बैठ महादेव,
डम-डम डमरू बजाबे सखी री !
ऐसा डमरू बजाबे सदाशिव,
डमरू से उड़त गुलाल सखी री!
उड़कर रंग गया गौरा की चुनरी,
और रंगा गोरे गाल सखी री!
मंद-मंद समीर चलत हैं,
फूल खिले कचनार सखी री
फूल -फूल पर भौर उड़त हैं,
बीतत फागुन मास सखी री।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शनिवार 8 मार्च 2025 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
बहुत बहुत धन्यवाद भाई !
Deleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteआपको भी होली की अनन्त शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहोली पर भक्तिभाव से पूर्ण सुंदर रचना
ReplyDeleteहृदय तल से आभार 🙏❤️
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