Thursday, January 16, 2025

रघुपति राघव राजा राम

रघुपति राघव राजा राम। 
पतित पावन सीता-राम। 
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम। 
सबको सुम्मति दो भगवान्। 

गाँधी के हम तीन बंदर। 
छल-कपट नहीं मन अंदर। 
रघुपति........... 
मुंह बंद हम अपना रखते।
बुरी बात हम कभी न कहते। 
रघुपति............ 
कान बंद रखते हम भाई। 
कभी न सुनते कोई बुराई। 
रघुपति.............. 
आँखें बंद हम रखते हैं। 
बुरा कभी नहीं देखते हैं
रघुपति............... 
     सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शुक्रवार 17 जनवरी 2025 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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