Wednesday, October 2, 2024

प्रथम पुज्य गणेश

प्रथम पूज्य गणेश (मिलो न तुम तो)

गणपति बप्पा दिखते भारी,
करते मूषक सवारी।
अजब हैरान हूँ मैं।
लम्बोदर पर सूढ़ है भारी,दूब है इनको प्यारी।
अजब हैरान हूँ मैं।....
दिखते हैं भोले-भाले, मस्तक है इनका गजराज का ओ s s s s
कान हैं सूप जैसे,नाम है लम्बी महाराज का ओ s s s s
चार हाथ में रस्सी फरसा,परसु और कुल्हाड़ी,
अजब .....
एक दिन देवों ने रखी प्रतियोगिता विचार के ओ s s s s
तीन लोक की परिक्रमा पहले करेगा तीन बार जो ओ s s s s
प्रथम पूज्य वह देवता होगा, बात बहुत है भारी 
अजब हैरान.........
सुनकर देवों ने आस लगाए 
काम कठिन था यह फिर जोर लगाना अब धर्म था ओ s s s s
सब देवों ने दौड़ लगाई, चढ़कर अपनी सवारी अजब हैरान......
दौड़कर गणपति रास्ता रोके गौरी-नाथ की ओ s s s s
अचरज से उन्हें देख रहा था, देवों का देवों का दल भारी अजब हैरान.........
देवों से बोले देवा,

माता पिता ही तीन लोक है,सुन लो बात हमारी
अजब हैरान हूँ मैं......

      सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

प्रथम पुज्य गणेश

प्रथम पूज्य गणेश (मिलो न तुम तो)

गणपति बप्पा दिखते भारी,
करते मूषक सवारी।
अजब हैरान हूँ मैं।
लम्बोदर पर सूढ़ है भारी,दूब है इनको प्यारी।
अजब हैरान हूँ मैं।....
दिखते हैं भोले-भाले, मस्तक है इनका गजराज का ओ s s s s
कान हैं सूप जैसे,नाम है लम्बी महाराज का ओ s s s s
चार हाथ में रस्सी फरसा,परसु और कुल्हाड़ी,
अजब .....
एक दिन देवों ने रखी प्रतियोगिता विचार के ओ s s s s
तीन लोक की परिक्रमा पहले करेगा तीन बार जो ओ s s s s
प्रथम पूज्य वह देवता होगा, बात बहुत है भारी 
अजब हैरान.........
सुनकर देवों ने आस लगाए 
काम कठिन था यह फिर जोर लगाना अब धर्म था ओ s s s s
सब देवों ने दौड़ लगाई, चढ़कर अपनी सवारी अजब हैरान......
दौड़कर गणपति रास्ता रोके गौरी-नाथ की ओ s s s s
अचरज से उन्हें देख रहा था, देवों का देवों का दल भारी अजब हैरान.........
देवों से बोले देवा,

माता पिता ही तीन लोक है,सुन लो बात हमारी
अजब हैरान हूँ मैं......

      सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

Tuesday, October 1, 2024

बापू के सपने

बापू के सपने 

बापू ने देखे थे सपने,भारत को आजाद कराने के।
एकता और भाईचारे का, एक सुंदर देश बसाने के।

शांत- समृद्ध भारत बनने के,सपने हम साकार करें।
कपट नहीं करुणा हो मन में, क्रोध त्याग कर प्यार करें।

जाति-धर्म का भेद मिटायें,गले लगायें हरिजन को।
छल-कपट को दूर भगाएं, स्वच्छ करें अपने मन को।

सुशिक्षित व सामर्थ्य रहेंगी ,यहाँ की सारी नारियांँ।
उनके हृदय में सदा ही फूटे,आत्मरक्षा की चिनगारियांँ।

यहाँ का हर मानव, अपने देश पे मिटने वाला हो।
यहाँ का बच्चा-बच्चा भारत माता का रखवाला हो।

हर बाधा को पार करें,लेकर हम हिम्मत से काम।
कठिन राह पर बढ़े चलें,जीत लें हम सारे संग्राम।

बढ़े चलें हम कठिन राह पर,मन में लेकर दृढ़ विश्वास।
स्वच्छता का अभियान चलाएं,पूरी हो बापू की आस।

मन से लालच दूर करें हम, करते जाएं दान सदा।
श्रेष्ठ जनों के हेतु हृदय में,रखें हम सम्मान सदा।

आओ प्रण लें बापू के हम,स्वप्न नहीं टूटने देंगे।
तीन रंग का झंडा वाला,ध्वज नहीं  झुकने देंगे।
              सुजाता प्रिय 'समृद्धि'