प्रथम पूज्य गणेश (मिलो न तुम तो)
गणपति बप्पा दिखते भारी,
करते मूषक सवारी।
अजब हैरान हूँ मैं।
लम्बोदर पर सूढ़ है भारी,दूब है इनको प्यारी।
अजब हैरान हूँ मैं।....
दिखते हैं भोले-भाले, मस्तक है इनका गजराज का ओ s s s s
कान हैं सूप जैसे,नाम है लम्बी महाराज का ओ s s s s
चार हाथ में रस्सी फरसा,परसु और कुल्हाड़ी,
अजब .....
एक दिन देवों ने रखी प्रतियोगिता विचार के ओ s s s s
तीन लोक की परिक्रमा पहले करेगा तीन बार जो ओ s s s s
प्रथम पूज्य वह देवता होगा, बात बहुत है भारी
अजब हैरान.........
सुनकर देवों ने आस लगाए
काम कठिन था यह फिर जोर लगाना अब धर्म था ओ s s s s
सब देवों ने दौड़ लगाई, चढ़कर अपनी सवारी अजब हैरान......
दौड़कर गणपति रास्ता रोके गौरी-नाथ की ओ s s s s
अचरज से उन्हें देख रहा था, देवों का देवों का दल भारी अजब हैरान.........
देवों से बोले देवा,
माता पिता ही तीन लोक है,सुन लो बात हमारी
अजब हैरान हूँ मैं......
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'