अखबार बोलता है
अखबार बोलता है।
सभी राज खोलता है।
आदत बना के नित,
अखबार पढ़िए।
नौकरी, सेवा,व्यापार।
खेल-कूद, समाचार।
इसे पढ़ आप आगे,
ज्ञान तरु चढ़िए।
जानकारियां लाता है।
दिमाग को बढ़ाता है।
स्मरण को बढ़ाइए,
आप आगे बढ़िए।
वर्तमान, अतीत को।
आधार,हार-जीत को।
पढ़,नाप-जोख कर,
नव-पथ गढ़िए।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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