Friday, March 15, 2024

गणपति वंदन (चौपाई छंद)

गणपति वंदन (चौपाई छंद)

जय देवों के देव गणेशा।
पूजे ब्रह्मा-विष्णु-महेशा।।
पार्वती के दुलारे नंदन।
हाथ जोड़ करती हूँ वंदन।।

माथ सिंदूर मुकुट विराजे।
पीत वसन अंगों में साजे।।
मेरे गृह में आप विराजे।
मन मंदिर घंटा घन बाजे।।

लाल कमल का पुष्प चढ़ाऊँ।
लड्डू -मोदक भोग लगाऊँ।।
एकदंत गजवदन विनायक।
दरस आपका है सुखदायक।।

भक्त आपसे है वर पाता।
बालक जन के विद्या दाता।।

करते आप  मूषक सवारी।
हाथी सूंड वदन है भारी।।
प्रथम देव घट-घट के वासी।
भक्त जनों के हरें उदासी।।

जय जय जय हे गणपति देवा।
करुँ आपकी बहु विधि सेवा।।
चरण आपके शीश नवाऊँ।
सौभाग्य का आशीष पाऊँ।।

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