विषय - शिकायत
किससे करूँ शिकायत,
क्यूँ कर करूँ शिकायत।
शिकायत नहीं है करना,
मिलती रही हिदायत।
शिकायत तुझे है जिससे,
वह कर्म ना करो तुम।
खुद को सुधारने का,
यह मर्म चित धरो तुम।
शिकायत किसी की करना,
है आदत बुरी निहायत।
शिकायत नहीं है करना,
मिलती रही हिदायत।
शिकायतों के कारण,
जन ! जन से दूर होते।
अपनी बनाई गरिमा,
इज्ज़त भी आप खोते।
शिकायत अपनी सुन जन,
करते नहीं रियायत।
शिकायत नहीं है करना,
मिलती रही हिदायत।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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