सरसों के फूल
( गीत ,मगही भाषा )
गाँव में गेलियै घूमें खेत।
पाँव में लगलै माटी रेत।
वहमां पनियां में मोर चुनरिया भिंजलै ना।।
लेके घूमें के हुलास।
गेलियै सरसों के पास।
ओकर पौधबा में मोर अचरिया फँसलै ना।।
पीयर सरसों के फूल।
रहलै हवा संग झूल।
जेकरा देखी कर हमर मनमा बिहसै ना।।
होइते जड़बा के अंत।
अइलै झूम के वसंत।
चहूं दिशी सरसों फूल के महकिया उड़ै ना।।
सरसों फूल पर हजार।
भौंरा करै गुलजार।
ओकर मीठा-मधुर गीतिया सोहाबन लागै ना।।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
बसंत का सुंदर वर्णन
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