Sunday, July 5, 2020

गुरु जी तुम्हारे चरणों में

आ० गुरुजी माधव सदाशिव राव गोलवलकर जी के लिए लिखी गई एक पुरानी रचना।

हम शीश नवाते हैं निशदिन
गुरु जी तुम्हारे चरणों में।।
विश्वास है मन में मिलेगा सदा,
आशीष तुम्हारे चरणों में।।

देश हमारा धन्य हुआ।
जहाँ है तेरा जन्म हुआ।
हमें मिलती रहे तेरी दिव्या प्रभा,
गुरु जी तुम्हारे चरणों में।।

विश्व में भारत बना महान।
तेरे कारण संघ की पहचान।
सबके मन में रहता है ध्यान,
गुरु जी तुम्हारे चरणों में।।

हिन्दुओं को किया तुमने संगठित।
जिनका था धर्म से मन विचलित।
सब आने लगे होकर प्रेरित,
गुरु जी तुम्हारे चरणों में।।
गुरु जी.......
    सुजाता प्रिय

7 comments:

  1. बहुत-बहुत धन्यबाद सखी।सादर आभार।

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  2. बहुत सुन्दर। गुरुओं को समर्पित रचना

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  3. हम शीश नवाते हैं निशदिन
    गुरु जी तुम्हारे चरणों में।।
    विश्वास है मन में मिलेगा सदा,
    आशीष तुम्हारे चरणों में।।
    बहुत ही सुंदर गुरु वंदना ,सादर नमन सुजाता जी

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  4. बहुत-बहुत धन्यबाद सखी कामिनी जी

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  5. हम शीश नवाते हैं निशदिन
    गुरु जी तुम्हारे चरणों में।।
    विश्वास है मन में मिलेगा सदा,
    आशीष तुम्हारे चरणों में।।
    बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति सुजाता जी | गुरुदेब के लिए जो लिखा जाए कम ही होगा | अच्छा लिखा आपने | हार्दिक शुभकमनाएं |

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  6. सादर धन्यबाद सखी रेणु जी।

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