जियो ऐअनाम मेरी रचनाओं को मेरे नाम साझा करने वाले। वरना अपने तो मेरी रचनाओं को खुलेआम चुराते हैं। छपवाकर मेरे गीत, रचनाकार की जगह, अपना नाम लिख जाते हैं। सुजाता प्रिय
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