Wednesday, July 26, 2023

अपमान (रोला छंद )

अपमान (रोला छंद)

मत कर तू अपमान,किसी की सुन ले भाई।
कर सबका सम्मान, इसी में  है चतुराई।।
जिनका हो अपमान, सदा मन उनका रोता।
दिल ही नहीं दिमाग, सदा है आहत होता।।

अपमान जहाँ हो जाय,दुःख है आता मन पर।
उनके दिल की हाय,अहो लगता जीवन भर।।
हरदम रखना ध्यान, न अपमान किसी की हो।
न सम्मान की आस,अब कभी भी फीकी हो।।

            सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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