Tuesday, April 5, 2022

मेरी कलम

मेरी कलम

कलम मेरी,मेरा हथियार।
मेरे हाथ का तेज तलवार।

विफल न जाती इसकी वार।
बहुत तेज है इसकी धार।

बंदूक धारी भी जाता हार।
दूर देश भेजती है समाचार।

सुलझाती है हर कारोबार।
हर पल है इसका तलबगार।

शब्दों से यह भरकर भंडार।
रच कहानी-कविता मजेदार।

मुझको है इस अस्त्र से प्यार।
इसे जानता है पूरा संसार।

सबका इसपर है अधिकार।
जीवन का अनमोल उपहार।
          सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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