Tuesday, August 12, 2025

दोस्ती का फर्ज

चिड़िया औ चींटी में भाई दोस्ती थी गहरी।
एक-दूजे की रक्षा करते दोनों बनकर प्रहरी।
एक बार नदी में जा गिरी थी जब चींटी रानी।
नदी में बहुत तेज धार से, बह  रहा था पानी।
व्याकुल हो गयी चिड़िया चीटी को डूबते देख।
झट उठा एक बड़ा-सा पत्ता दी पानी में फेंक।
पत्ते पर बैठ चीटी रानी ने अपनी जान बचाई।
चिड़िया के उपकार से वह फूली नहीं समाई।
एक दिन की बात है, जंगल में शिकारी आया।
तीर चढ़ा धनुष पर चिड़िया  निशाना लगाया।
यह देख चीटी रानी अब मन- ही- मन घबराई ।
झट से जा शिकारी के पांव में, वह काट खाई।
तिलमिला उठा शिकारी,औ गया निशाना चूक।
तीर की आवाज सुन चिड़िया गई फुर्र से उड़।
                    सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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