अपराजिता
Wednesday, November 20, 2024
सिया-राम-लखन स्वागत दीपोत्सव (मतगयंद सवैया)
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सिया-राम-लखन स्वागत दीपोत्सव (सवैया) नाम जपो रघुनाथ भजो सब,तीर चला दस मस्तक छेदे। काल कराल घमंड मिटाकर,जीत गए लंका गढ़ भेदे।। पुष्पक बैठ उड...
Friday, November 15, 2024
एकता में बल
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एकता में बल एक दिन एक शिकारी आया। जंगल में वह जाल बिछाया। उसके ऊपर वह दाने डाला। छिपकर बैठा बन रखवाला। कबूतरों का ...
रितिका छंद
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हे पथिक चलते चलो तुम, जिंदगी के रास्ते। मन कभी विचलित न करना, छोड़ने के वास्ते। माना पथ मुश्किल बहुत है,पर इसे मत छोड़ना। मुश्किलों के मुकाब...
Thursday, November 14, 2024
अधूरा ज्ञान
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अधूरा ज्ञान कहा कबूतर,सुन भाई तीतर! पास मेरे तुम आओ ना। कैसे घोंसला बनता है यह, मुझको जरा सीखाओ ना। बोला तीतर सु...
Wednesday, November 13, 2024
काला-गोरा
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काला-गोरा एक बार कौआ राजा के,मन में विचार एक आया। अपने काले तन पर कौआ,मन-ही -मन झुंझलाया। सोच-सोच कर हार गया ! पर,हल न कोई सुझा। राजहंस के ...
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Monday, November 11, 2024
बोलो न
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ऊँ द्वन्द्व में हो तुम शायद अहंकार भरा मन यह तुम्हारा मुझे प्रगति -प्रयास के पथ पर चलने...
Sunday, November 10, 2024
मैं
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मैं तुम्हें कभी भी बुलंदियों पर चढ़ने से रोक तो नहीं ...
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