अपराजिता
Monday, October 9, 2023
निवास (दोहे)
मेरे दिल में लीजिए, ईश्वर आप निवास।
मन में मेरे है लगा,बस इतनी -सी आस।।
करती हूँ आराधना,हाथ जोड़कर आज।
शीश नवाकर कह रही,रख लो मेरी लाज।।
लेकर आई हूँ प्रभु मैं,आज आपके पास।
पूर्ण करें मन-कामना मन में है विश्वास।
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