माँ दुर्गा जगतारिणी
माँ
दुर्गा
आईं हैं
आज मेरे
आँगन देखो।
चरण कमल
में शीश नवाओ
चरणों को पखारो
औ आरती गाओ
माँ हमें देंगी
आशीर्वाद
रहने
सुख
से।
माँ
अम्बे
सबको
सुख देती
सुख करनी
संकट हरनी
हैं माता जगदम्बे
हैं कष्ट निवारणी
दुख उवारिनी
जगतारिणी
भक्त जन
आकर
वर
लो।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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