बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
राज-दुलारी बेटियांँ,
पिता को प्यारी बेटियांँ,
माता को प्यारी बेटियांँ,
चलती मटक-मटक।
घर-आँगन की शोभा,
मायका की होती शोभा,
ससुराल की भी शोभा,
चलती छमक-छमक।
बेटी लक्ष्मी सरस्वती,
शक्ति माया व पार्वती,
दुर्गा काली भगवती,
मत तू इसको झटक।
बेटियों को बचाइए,
मन से ना दुराइए,
इसे खूब पढ़ाइए,
जनम लेते ना पटक।
सुजाता प्रिय समृद्धि
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