आ सखी मेंहदी लगा दूं हाथों में।
सावन का शृंगार सजा दूं हाथों में।
हरियाली तीज का सौगात हमारा।
ईश्वर रखें , सदा अहिवात हमारा।
जीवन का उपहार सजा दूं हाथों में।
सावन का शृंगार....................
देखो झम-झम बरस रहा है पानी।
पहनी लाल चुनरिया हमने चोली धानी।
मेहंदी के संग प्यार सजा दूं हाथों में।
सावन का शृंगार ......................
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
जी भाई ! सादर धन्यवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteमेरी रचना को साझा करने के लिए
सावन के श्रृंगार की बहुत शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteजी सादर धन्यवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteसावन का श्रृंगार और सुंदर भाव !!
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