Wednesday, April 21, 2021

माता महागौरी



हे माता महागौरी! तुझको सहस्त्र कोटि नमन।
स्वेत वृषभ पर आरूढ़,स्वेत वस्त्र तेरा स्वेत वरण।
सदा पवित्र रह महादेव को करती हो आनन्द प्रदान।
हे सृष्टि की आदि देवी, करती त्रिदेवों का ध्यान।
भुवनेश्वरी, प्रत्यंगिरा, सीता, सावित्री सरस्वती।
ब्रह्मानंद,कला तुम ही मां तुम ही हो पराशक्ति।
सम्पूर्ण जगत में तुम ही माता,हो केवल अविनाशी।
सम्पूर्ण चराचर में व्याप्त,सब जीवों की सहवासी।
महाशक्ति तुम ही हो, आधारभूता प्रकृति सदावरण।
मायाधीश तुम हीहो,संहारकारिणी,सदाकरण।
तुम ही आद्या नारायणी, शक्ति,तुम ही प्रकृति विस्तारक।
तुम ही भर्ता,तुम ही भोक्ता,तुम ही शाश्वत संचालक।
तुम्हीं दया हो, तुम्हीं क्षमा हो, तुम्हीं क्षुधा-तृष्णा स्मृति।
तुम्हीं निद्रा तुम्हीं श्रद्धा, तुम्हीं तृप्ति, भक्ति मातृ धृति।
तुम्हीं तुष्टी, तुम्हीं पुष्टि,लोभ , लज्जा कांति।
समस्त शक्ति तुम ही माते, तुम्हीं शांति तुम्हीं क्रांति।
तुम्हीं राधा तुम्हीं सीता, तुम्हीं लक्ष्मी सती दुर्गा।
तुम्हीं दुर्गति नाशिनी, तुम मेनका पुत्री नवदुर्गा।
साधुओं की तुम रक्षा करती, दुष्टों की करती संहार।
हे धर्म की रक्षक माता, तुझे नमन है बारम्बार।

जय मैया शेरोंवाली 🙏🙏🙏🙏🙏
            सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
               स्वरचित, मौलिक

8 comments:

  1. जय मैया गौरी .... नमन बारम्बार .

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    1. सादर धन्यवाद 🙏🙏❤️

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2106...आँकड़ों को दबाने के आकाँक्षी हैं हम? ) पर गुरुवार 22अप्रैल 2021 को साझा की गई है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. मेरी रचना को साझा करने के लिए हार्दिक आभार एवं धन्यवाद भाई 🙏

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  3. Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय

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  4. सादर धन्यवाद सखी 🙏🙏

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