Sunday, April 18, 2021

अयोध्या नगर को प्रणाम



अयोध्या नगर को प्रणाम, जहां श्रीराम जन्में।
दशरथ के घर को प्रणाम, जहां श्रीराम जन्में।
भारत भूमि को प्रणाम, जहां श्रीराम जन्में।

राम जी जन्में और भरत जी जन्में।
जन्में लखन शत्रुघ्न, जहां श्रीराम जन्में।

पिताजी की आज्ञा पालन को रामजी।
गये चौदह बरस वनवास, जहां श्रीराम जन्में।

रामजी के प्रेम में सीता और लक्ष्मण,
दोनों गये उनके साथ, जहां श्रीराम जन्में।

भरत जी अयोध्या में राज्य चलाए,
सिंहासन पर रखकर खड़ाऊ, जहां श्रीराम जन्में।

शत्रुघ्न जी भरत जी संग में रहते,
भाई थे चारो महान, जहां श्रीराम जन्में।

राम लड़े जब रावण से जाकर,
लखन को लगा शक्ति वाण, जहां श्रीराम जन्में।

संजीवनी के लिए पर्वत ले आये,
रामभक्त वीर हनुमान,जहां श्रीराम जन्में।

राम जी के जैसा राज्य न मिलता,
ढूंढ लो दुनिया-जहान, जहां श्रीराम जन्में।
              सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
                 स्वरचित, मौलिक

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