भारत में एकता और अखण्डता लाती हिंदी भाषा ।
इसलिए तो राष्ट्रीय भाषा, कहलाती है हिंदी भाषा।
देवनागरी
लिपी है इसकी ,
संस्कृत है इसकी जननी।
हर अक्षर
एक लिखित रूप है
और है उच्चरित ध्वनि।
सरल रूप में शब्दों को समझाती है हिंदी भाषा।
वैज्ञानिक
भाषा है यह ,
इसमें नहीं उच्चारण दोष।
उन्चास
वर्णों की मालिका से,
भरा है सारा शब्दकोष।
एकरूपता और एकाग्रता सिखलाती हिंदी भाषा।
मात्राओं
से सज-धजकर ,
बढ़ा जाती यह सुंदरता।
निबंध,
लेख , नाटक,
रच जाती कहानी-कविता।
बड़े-बड़े फिल्म - उद्योग चलबाती है हिंदी भाषा।
हर भाषा
का प्रतिनिधित्व करती ,
सबका है साथ निभाती ।
हर प्राणि
को सरल है लगती ,
सबको है यह भाती।
सहजता से सबको समझ में आती है हिंदी भाषा।
सुजाता प्रिय
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