Friday, August 8, 2025

सच्चा मित्र

हरी फसल देख हिरण ललचाता।
    खेतों में जाकर जी भरकर खाता।
        एक दिन किसान ने जाल बिछाया।
            लालची हिरण को उसमें फंसाया।

फंसकर जाल में हिरण पछताया।
    जोर - जोर से वह खूब चिल्लाया।
        कौआ  मित्र  तब उड़ कर  आया।
           किसान से बचने का उपाय बताया।

सुबह किसान जब खेत  में आया।
    हिंसक को मरा वह जाल में पाया।
        क्योंकि,कौए को चोंच मारते देखा।
            निकाल जाल  से हिरण को फेंका।

सांस रोका था, हिरण अब  जागा।
    झट उठ -कर जान बचा वह भागा।
       ऐसे कौए ने हिरण की जान बचाई। 
           इस  तरह मित्रता थी उसने निभाई। 
                       सुजाता प्रिय 'समृद्धि'


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