Sunday, September 8, 2024

अन्याय

जमाने में आज देखो,हो रहा अन्याय है ।
जो पीड़ित हैं उन्हें, मिल न पाता न्याय है ।
जमाने में आज देखो........
बांध पट्टी आंखों पर न्याय की देवी खड़ी है।
तुलिका लिए हाथ में विवस मुद्रा में अड़ी है।
पलड़ा जिधर झुके,उनके ही हक में न्याय है ।
जमाने में आज देखो........
अन्यायी लोग सदा ही,न्याय की रट हैं लगाते।
अन्याय को न छोड़ते,अर्थ न्याय का समझ न पाते।
अन्याय करते जाते हैं कहते हैं यही तो न्याय है।
जमाने में आज देखो..........
न्याय क्या मिलेगा,बिगड़ी यहांँ की है प्रणाली। 
जनता को भटकाती है,न्याय यह वेदनावाली।
फाँसी पर लटकाना ही,नहीं यहांँ पर न्याय है।
जमाने में आज देखो............
           सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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