Saturday, September 28, 2024

स्वाद का फेरा

स्वाद का फेरा 

भूल गए हम स्वाद पुराने।
    चटपटे ब्यंजन लगे सुहाने।
        दूध शर्बत व छाछ न पीते।
            कोल्डड्रिंक्स-पेप्सी पी जीते।

 अन्न-फल-मेवे नहीं सुहाते।
    चाट - गोलगप्पे मन से खाते।
        लिट्टी,पकौड़े,हलवा नहीं भाये‌।
            पिज्जा-बर्गर मस्ती-से खाएं।

भाते न खाजा-लड्डू,बर्फी-पेड़े।
    चॉकलेट-टॉफी में नहीं बखेड़े।
        मुढ़ी- चना मुंगफली न खाते।
            लेज कुरकुरे नूडल्स हैं भाते।

गुड़-राबा मधु-मिश्री न खाते।
    च्युंइगम-गुटखा हैं रोज चबाते।
        खीर मलाई पनीर नहीं मांगते।
           आइसक्रीम के पीछे हैं भागते।

पूआ-गुझिया-खजूर न अच्छा।
    ब्रेड-केक बिस्किट लगे सच्चा।
         चाउमीन ने ऐसा किया कमाल।
             भूले भुजिया-सब्जी रोटी- दाल।

पिट्ठे-पिठिया देख मुँह बनाते।
    मोमो - पेटीज,गटागट खाते।
        इनको खाकर खूब अकड़ते।
            चाहे इनसे  स्वास्थ्य बिगड़ते।

भूले अपने देशी-पोषक स्वाद।
    फास्ट फूड खा हो रहे बर्बाद।
        झटपट -चटपट के इन फेरे में।
            घिर रहे  बीमारियों के  घेरे में।

                सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

4 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर सार्थक और भावप्रवण रचना

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