सखी आओ खेलें होली
सखी आओ खेलें हम होली,
आ कर लें खूब ठिठोली।
भरे खुशियों से हम झोली,
आ कर लें.........
भूल शिकबे-गिले,आ गले मिले,
हम बोलें प्यार की बोली,
आ कर लें खूब ठिठोली।
सखी......
तुझे रंग लगाएँ, गुलाल लगाएँ ,
बना मुखड़े पर तेरे रंगोली।
आ कर..
रंग प्यार के लगाएँ, रंग प्रीत लगाएँ।
अब रूठो नहीं हमजोली!
आ कर लें...............
तेरा लहंगा भिगाऊँ,तेरी चुनरी भिंगाऊँ,
भिंगाऊँ मैं तेरी चोली।
आ कर लें.......
संग-संग हम नाचें,संग-संग हम गाएँ,
बनाकर सखियों की टोली,
आ कर लें
सखी.........
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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