माता महागौरी (सायली छंद)
जय
माँ महागौरी
गौरवर्ण का रूप
शोभता है
तेरा।
दया
करो माँ
अपने भक्तों पर
कष्ट हरो
मेरा।
वृषभ
पर आरूढ़
हो तुम समस्त
संसार में
घूमती।
चार
भुजाएंँ हैं
तुम्हारे तुम माँ
अन्नपूर्णा हो
भगवती।
कर
रहे हम
भक्त जन माँ
देख तेरी
आराधना।
सत्य
मन से
नित्य करते हैं
तेरी सेवा
साधना।
माते
निर्मल मन
तुम्हारा है अम्बे
तुम बड़ी
करुणामयी
पूर्ण
करती हो
मनोकामना मांँ तू
है बड़ी
ममतामई
प्राणी
जन के
दूर करती हो
सभी पाप
माँ।
दिल
से तुमको
जो भी पुकारे
हरती संताप
माँ।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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