गोवर्धन पूजा
किए इंद्र अतिवृष्टि,
मझधार पड़ी सृष्टि,
है आपकी कृपा दृष्टि,
कृपा अब कीजिए ।
रक्षा हेतु दीनानाथ,
गोवर्धन लिए हाथ,
नवाऊँ आपको माथ,
आशीर्वाद दीजिए।
केशव कृष्ण मुरारी,
गोवर्धन गिरधारी,
सबके संकट हारी,
कृपा अब कीजिए।
करते आपकी पूजा,
आप सब नहीं दूजा,
करते सदा ही रक्षा,
धन-धान्य दीजिए।
सुजाता प्रिय समृद्धि
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