भगवान
हे भगवान
दया निधान आप
कृपा करिए।
हम उदास
लेकर आए आस
दुख हरिए।
हे सर्वव्यापी
हरते हैं संताप
दया कीजिए।
हम आपके
शरण में हैं आए
वर दीजिए।
शिवा आपके
नहीं कोई सहारा
कहांँ मैं जाऊंँ।
कौन हारेगा
दुखड़ा अब मेरा
किसे बताऊँ।
दूर कर दें
मेरी भव बाधा को
आप मिटाएंँ।
बीच भँवर
मेरी अटकी नैया
पार लगाएंँ।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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