माँ ब्रह्मचारिणी (हाइकु)
ब्रह्मचारिणी
माँं धारण करती
नथ-कुण्डल।
कर कमलों
में अक्ष माला और
है कमण्डल।
वेद-पुराण
उपनिषद और
सभी ग्रंथों में।
माँं की महिमा
का विवरण लिखा
सब संतों ने।
शक्ति-सृष्टि की
मूल नाड़ी-चेतना
सर्वव्यापी है।
दुर्गा माता की
उपासना प्राचीन
व अनादि है।
महाशक्ति मांँ
परमात्मा रूप में
अति सुशीला।
विभिन्न रुप
धर कर हैं करती
विविध लीला।
मांँ आदिशक्ति
परम महाशक्ति
हैं दया शक्ति।
ब्रह्म रूप में
विचरण करती
हैं माया शक्ति।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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