गजल
आसमां पर शान से फिर आज लहराए तिरंगा।
इस जहां में मान गौरव आज ले आए तिरंगा।
मेरा यह प्यारा तिरंगा सारे जग की शान है,
देश का सम्मान बनकर है सदा छाये तिरंगा।
तीन रंगो से है बना यह देश की पहचान है,
तीनों रंग का मान क्या है आज बतलाए तिरंगा।
संकल्प है किसी हाल में इसे न झुकने देंगे हम,
खड़ा हमेशा शान से यह जैसे मुस्काए तिरंगा।
जब किसी जांबाज का जी,जां की खातिर डोलता,
लहर लहर लहरा कर उसमें है उमंग लाए तिरंगा।
हर शहर हर गाँव में,हर गली हर घर में देखो,
देश का हर जन अभिमान से फहराये तिरंगा।
जहाँ भी जाती नजर हमारी,यह वहांँ तक दिख रहा,
हर नज़र को आज दिखता और है भाये तिरंगा।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
सुजाता प्रिय समृद्धि
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कलबुधवार (17-8-22} को "मेरा वतन" (चर्चा अंक-4524) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत ही सुन्दर रचना
ReplyDeleteतिरंगे की शान में सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeleteतिरंगे के गौरव का सटीक वर्णन।
ReplyDeleteसुंदर भाव ग़ज़ल।