Monday, August 15, 2022

आसमां पर शान से लहराए तिरंगा (गज़ल)



                गजल

आसमां पर शान से फिर आज लहराए तिरंगा।
इस जहां में मान गौरव आज ले आए तिरंगा। 

मेरा यह प्यारा तिरंगा सारे जग की शान है,
देश का सम्मान बनकर है सदा छाये तिरंगा।

तीन रंगो से है बना यह देश की पहचान है,
तीनों रंग का मान क्या है आज बतलाए तिरंगा।

संकल्प है किसी हाल में इसे न झुकने देंगे हम,
खड़ा हमेशा शान से यह जैसे  मुस्काए तिरंगा।

जब किसी जांबाज का जी,जां की खातिर डोलता,
लहर लहर लहरा कर उसमें है उमंग लाए तिरंगा।

हर शहर हर गाँव में,हर गली हर घर में देखो,
देश का हर जन अभिमान से फहराये तिरंगा।

जहाँ भी जाती नजर हमारी,यह वहांँ तक दिख रहा,
हर नज़र को आज दिखता और है भाये तिरंगा।
      सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

            सुजाता प्रिय समृद्धि

4 comments:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कलबुधवार (17-8-22} को "मेरा वतन" (चर्चा अंक-4524) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा

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  2. बहुत ही सुन्दर रचना

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  3. तिरंगे की शान में सुंदर पंक्तियाँ

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  4. तिरंगे के गौरव का सटीक वर्णन।
    सुंदर भाव ग़ज़ल।

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