हम साथ-साथ हैं (मुक्तक )
भगवन् तुम्हारे चरणों में झुका हमारा हाथ है।
हमारे सिर पर वर हेतु उठा तुम्हारा हाथ है।
हे भगवान है तुझको हमारा प्रणाम बारम्बार-
तेरे ही वरदान से आज हम साथ साथ हैं।
हम साथ साथ हैं,हम साथ-साथ ही रहें।
नदियों की उमड़ती जलधारा-सी साथ ही बहें।
हम साथ साथ खाएं-पीएं और जीयें-
और साथ-साथ मिल सब सुख-दुख को सहें।
एकता का संदेश लेकर साथ आगे बढ़े।
जीवन के सुगम राहों को हम मिलकर गढ़े।
ज़मीं पर सफलता की बनाकर सीढ़ियां-
आसमां पर हम साथ मिलकर ही चढ़ें।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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