Wednesday, April 7, 2021

कर्म बदलते भाग्य



कर्म किए जा लगन लगाकर, करके तू ये आस।
कर्म हमारे भाग्य बदलते,मन में रख विश्वास।

कर्म हमारा सच्चा साथी,हर पल चलता संग।
मेहनत से जो काम करें हम,लाता एक दिन रंग।
कर्म के पथ पर बढ़ते जाओ,मत कर मन उदास।
कर्म हमारे भाग्य बदलते,मन में रख विश्वास।

कर्म करो तो इक दिन तुझको मिलेगा इसका फल।
कर्म करने वाले का होता,जीवन सदा सफल।
सफलता तेरे पग चूमेगी, भर जीवन में  उल्लास।
कर्म हमारे भाग्य बदलते,मन में रख विश्वास।

कर्म को अपने बुरा न करना,कर्म ही जीवन सार।
जीवन जीने का मर्म यही है,करो कर्म से प्यार।
कर्म हमारा जीवन धन है,कर्म के हम हैं दास।
कर्म हमारे भाग्य बदलते,मन में रख विश्वास।
                स्वरचित, मौलिक
              सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
                

11 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2092...अनिश्चिताओं के घन हो चले हैं भारी... ) पर गुरुवार 08 अप्रैल 2021 को साझा की गई है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!



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    1. जी सादर आभार भाई।मेरी रचना को पांच लिकों के आनंद पर साझा करने के लिए।

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  2. जो इस मर्म को समझ ले वो अपने कर्म भी सही रखेगा .... शिक्षाप्रद प्रस्तुति .

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    1. जी दी सादर धन्यवाद।

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    1. जी बहुत बहुत आभार बहना

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  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद सखी

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  5. कर्म हमारे भाग्य बदलते,मन में रख विश्वास।....बहुत सही👍

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  6. सादर धन्यवाद सखी!

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