Tuesday, November 3, 2020

तेरी चुनरी मां

तेरी चुनरी मां !
कि आय हाय, 
तेरी चुनरी मां!

तेरी चुनरी लाल मैया,
तेरे अंग में शोभे।
तेरी चोली हरी मैया,
उसके संग में शोभे।
चमक उसमें शोभे रे,
शोभे रे,शोभे।
लगा गोटा,
कि आय हाय
लगा गोटा मां!

तेरे मांग में सिंदूर 
और टीका शोभे।
तेरे माथे में मैया,
तेरी बिंदिया शोभे।
नासिका में शोभे रे,
शोभे रे,शोभे
तेरी नथिया, 
कि आय हाय 
तेरी नथिया मां।

तेरे दोनों कानों में,
तेरा झुमका शोभे।
तेरे दोनों हाथों में,
तेरा कंगना शोभे।
तेरे गले शोभे रे,
शोभे रे,शोभे
तेरी माला, 
कि आय हाय,
तेरी माला मां।


तेरे दोनों पांवों में,
तेरा पायल शोभे।
तेरे पायल की घुंघरू,
छमक छम-छम बोले।
संग उसके बोले रे,
बोले रे, बोले।
तेरी बिछिया,
कि आय हाय, 
तेरी बिछिया मां।
       सुजाता प्रिय'समृद्धि'
          स्वरचित, मौलिक मां !
कि आय हाय, 
तेरी चुनरी मां!

तेरी चुनरी लाल मैया,
तेरे अंग में शोभे।
तेरी चोली हरी मैया,
उसके संग में शोभे।
चमक उसमें शोभे रे,
शोभे रे,शोभे।
लगा गोटा,
कि आय हाय
लगा गोटा मां!

तेरे मांग में सिंदूर 
और टीका शोभे।
तेरे माथे में मैया,
तेरी बिंदिया शोभे।
नासिका में शोभे रे,
शोभे रे,शोभे
तेरी नथिया, 
कि आय हाय 
तेरी नथिया मां।

तेरे दोनों कानों में,
तेरा झुमका शोभे।
तेरे दोनों हाथों में,
तेरा कंगना शोभे।
तेरे गले शोभे रे,
शोभे रे,शोभे
तेरी माला, 
कि आय हाय,
तेरी माला मां।


तेरे दोनों पांवों में,
तेरा पायल शोभे।
तेरे पायल की घुंघरू,
छमक छम-छम बोले।
संग उसके बोले रे,
बोले रे, बोले।
तेरी बिछिया,
कि आय हाय, 
तेरी बिछिया मां।
       सुजाता प्रिय'समृद्धि'
          स्वरचित, मौलिक

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