Wednesday, September 23, 2020

राष्ट्र कवि दिनकर

राष्ट्र कवि दिनकर के,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।
विश्व कवि दिनकर के,
जयंती पर आज वंदन मेरा।

बिहार के पूत, भारत के सपूत।
काव्य की विद्या जिनमें अकूत।
कविवर वीर रस के,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।
राष्ट्र कवि दिनकर के,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।

मनरूप माता,रवि सिंह पिता।
सिमरिया गाँव के कृषक बेटा।
नाम किए जग भर में,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।
राष्ट्र कवि दिनकर के,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।

राष्ट्रीय भाषा हिन्दी के नभ पर।
उदयमान हुए बनकर दिनकर।
ओजपूर्ण हुंकार भर के,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।
राष्ट्र कवि दिनकर के,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।

रश्मिरथी,कुरुक्षेत्र,उर्वशी लिखे।
संस्कृति के चार अध्याय लिखे।
धरोहर भारत के,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।
राष्ट्र कवि दिनकर के,
चरणों में शत-शत नमन मेरा।

      सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
        स्वरचित (मौलिक)

7 comments:

  1. सादर नमस्कार,
    आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 25-09-2020) को "मत कहो, आकाश में कुहरा घना है" (चर्चा अंक-3835) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है.

    "मीना भारद्वाज"

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    1. जी सादर धन्यबाद एवं आभार मेरी रचना को साझा करने के लिए।

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  2. बहुत सुंदर रचना

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  3. सादर धन्यबाद सखी।

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  4. रश्मिरथी,कुरुक्षेत्र,उर्वशी लिखे।
    संस्कृति के चार अध्याय लिखे।
    धरोहर भारत के,
    चरणों में शत-शत नमन मेरा।
    बहुत ही सुंदर रचना सुजाता जी,दिनकर जी को सत-सत नमन

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