हर-हर-हर भोले त्रिपुरारी।
सब संकट तुम हरो हमारी।
दया करो तुम हे नागेश्वर।
हे शिव-शंकर, हे परमेश्वर।
आयी जग में विपदा भारी।
त्रस्त है जिससे दुनिया सारी।
पीकर तूने विष का प्याला।
सारे जग का बने रखवाला।
आज नाथ तू हमें बचा लो।
सारे कष्ट को दूर भगा दो।
क्षमा करो अपराध हमारा।
भूल-चूक जो भी हो सारा।
सुजाता प्रिय'समृद्धि'
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
शिव-शम्भू की बहुत ही सुंदर चौपाई सादर नमस्कार सुजाता जी
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यबाद सखी कामिनी जी।सादर नमस्कार।
ReplyDeleteभगवान शिव की बहुत सुन्दर स्तुति ।
ReplyDeleteजी सादर धन्यबाद सखी।
Delete