हे ज्ञान दायिनी मांँ सरस्वती,नमन बारम्बार है।
नमन बारम्बार तुझको, नमन बारम्बार है।
नमन बारम्बार तुमको...................
ज्ञान का वरदान दो माँ! हस्त पुस्तक धारिणी।
गीत दो, संगीत दो, हे वाणी वीणावादिनी।
हम सब तेरी संतान माता, आये तेरे द्वार हैं।
नमन बारम्बार तुमको ...................
मन में स्वच्छ विचार दो, हे स्वेत कमलासना।
बुद्धि-बल को निखार दो, हे मातु पद्मासना।
श्रद्धा सुमन चढाने आये, चढाने आये हार हैं।
नमन बारम्बार तुमको...................
हे महाश्वेता शारदा, मेरी जड़मति को दूर कर।
मेरे मन में चेतना की, सब मति भरपूर भर।
तेरा - ही आशीष से, सुंदर मेरा संसार है।
नमन बारम्बार तुमको....................
सब कलुष हर मेरे मन का, हे श्री वागेश्वरी।
मेरा मन निर्मल बना दे, हे माता ईश्वरी।
तेरे चरणों से जुङा सब, मेरे दिल का तार है।
नमन बारम्बार तुमको..........
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