Wednesday, September 17, 2025

जय अम्बे (मगही गीत)

लेके हमें पूजा के थरिया,अइली अम्बे माँ के दुअरिआ।
रहे ले मैया के बनैया,मैया के भावे ने कोठा-अटरिया।
आज मैया के हई पुजनिया,सांंझ पहर के गेली बजरिया,
मैया ले रैली हरियर अंँगिया, ओढ़े लगी वाली चुनरिया।
हाथ ले लैली चूड़ी-मुनरिया,पांँव ले लैली बिछिया पायलिया।
गले में हरबा लैली हजरिया,कान में झुमका 
नारियल केला भोग लगैली, काजू-किशमिश दाख छोरियां।
चरण में मैया के माथे नवैली,हमरा पर मैया फेरा नजरिया।
        सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

No comments:

Post a Comment