अम्बे मेरा जहां में,बस आपका सहारा।
तेरे बिना है माता ,दिखता नहीं किनारा।।
मेरा काम आज अटका,उसे पूर्ण कर दो माता।
मेरी बिगङी तुम बना दो,हे पहाङों वाली माता।
जीवन मेरा संवारो,देकर मुझे सहारा।
अम्बे मेरा जहां में..............
मां मुझको आज थामों,मैं लङखङा रही हूं।
जो पथ सुगम था मेरा, उसको भूला रही हूं।
सत्पथ मुझे दिखाओ,मैं दास हूं तुम्हारा.
अम्बे मेरा...........
मां देखो मेरी कश्ती,मझधार में खङी है।
सब राह भूल बैठी, तुफान में अङी है।
पतवार बहकी जाती,बङी तेज जल की धारा.
अम्बे मेरा .........
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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