अनपढ़ बुढ़िया (कहानी)
बार-बार मोबाइल में कॉल करती और रिंग होते ही काट देती।उसे हिम्मत नहीं हो रहा था कि अनुपमा मैम से बात करे। ऑनलाइन क्लास में उनकी खनकती आवाज से ही लगता है कि वह किसी खास व्यक्तित्व की मल्लिका हैं।इस कॉलोनी में रहने आई तो उसे इस बात की खुशी हुई की उसकी मैम भी इसी कॉलोनी में रहती हैं ।कॉलेज में एडमिशन होते ही लॉकडाउन लग गया और ऑनलाइन क्लासेस स्टार्ट हो गए।उससे बड़ा मुश्किल लगता ऑनलाइन क्लास में कुछ समझ में आएगा कि नहीं ?
लेकिन नहीं क्यों ? मैं इतनी संजीदगी से क्लास लेती हैं ।बहुत ही बारीकी से हर चैप्टर को पढाती हैं।
लेकिन कुछ कैप्टरों को वह फिर से मैम से पढ़ना चाहती है।इसलिए जब मॉर्निंग वॉक पर निकली तो वापसी में ख्याल आया मैं से कॉल कर पूछ लूं, किस रोड में रहती हैं ।
वाह!मैम ने जो रोड बताया वह तो उसी रोड में चल रही है। उसने हाउस-नंबर पूछा और चल पड़ी। यह क्या यह तो वह अपने ही किराए के मकान के निकट पहुंच गई।
मैम हाउस का कोई नाम भी है ?
हांँ है ना , "अनमोल विला" उसने पढ़कर देखा उसे अपने आप पर बड़ी जुंझलाहट महसूस हुई। इस घर में इतने महीने से रह रही है और उसका नाम तक नहीं पढ़ सकी।
मैम से फोन पर बात करती-करती वह घर के अंदर घुसी मैम ने कहा मैं लेफ्ट साइड के बरामदे में पिंक साड़ी पहने बैठी हूंँ। वह आगे बढ़ी । मैम यहाँ रहती है, और मैंने उन्हें कभी देखा तक नहीं ?
वह लपकती हुई मैम के सामने पहुंच गई।
अरे ! यहांँ तो उसकी मकान मालकिन बैठी मिली ।
मुझे अनुपम मैम से मिलना है ।
हांँ हांँ मैं ही हूंँ अनुपमा ।
उसके सिर पर घड़ों पानी पड़ गया ।
जिनकी वेश-भूषा देख वह उन्हें अनपढ़ बुढ़िया कहती थी, वह उसकी तेज दरार अनुपमा मैम हैं। उसे सारी बातें याद आने लगी जब वह अनुपमा मैम को कुछ पूछे जाने पर उनसे ऐठ कर उत्तर देती थी कि आपको समझ नहीं आएगा। पढ़ाई के बारे में पूछे जाने पर वह बोलती कि हमारा ऑनलाइन क्लास होता है आप क्या जानें यह सब ।वह तो भली महिला थीं जो
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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