हाय रे जिंदगानी
हाय -हाय रे जिंदगानी कभी हँसे,कभी रोये।
किस्मत की कहानी कभी पाये,कभी खोये।।
हाय-हाय रे जिंदगानी........
लाख कोई भरा रहे धन वैभव से।
नींद न आये चोर-डाकू के भय से।
लूटने के भय से दिन रात नहीं सोये।
हाय-हाय रे जिंदगानी.........
कोई भरा है यहाँ पूरा परिवार से।
चिंता सताबे रोजी -रोजगार की।
भर आँखों में पानी,कभी हंसे कभी रोये।
हाय-हाय रे जिंदगानी.........
भिक्षुक बेचारा,किस्मत का मारा।
झोली फैला कर,फिरे मारा-मारा।
दो पैसे दो दानी,कह नैना भिंगोयो।
हाय-हाय रे जिंदगानी..........
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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