श्रम और श्रमिक (सायली छंद )
श्रम
करते हम
श्रमिक भाई जी
श्रमिक हमारा
नाम।
हड्डी
तोड़ कर
है मेहनत करना
सदा हमारा
काम।
नहीं
मनाते त्योहार
कभी भी हम
कैसी होली
दीवाली।
हमें
तो केवल
काम है करना
और करना
रखवाली।
दुःख
अभाव भरा
जीवन है मेरा
सदा दुःखी
रहना।
सुख
की कल्पना
व्यर्थ सदा है
दुःखी हमको
रहना।
नहीं
वसन है
तन पर पूरा
नहीं पूरा
खाना।
मन
मार कर
काम करें हम
दुःखी समय
बिताना।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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