वसंत ऋतु
हे
सखी
वसंत
ऋतु आयी
सब का मन
नाचे हो मतंग
खुशी से अंग-अंग
भर गया उमंग
सखियों के संग
देखूँ हो दंग
प्यारा रंग
अलग
रूप
है
ये
झूम
रही है
देखो डाल
नव पल्लव
का कर श्रृंगार
मंजरियां आकर
सजाईं हैं झालर
लाज की घूंघट
लाल कपोल
पुलकित
विकल
मन
है
वाह! बहुत सुंदर आकृति बनी है बासंती मौसम को चित्रित करती हुई! ऋतु आया कुछ खटक रहा है, मधु मास आया कह सकते हैं या ऋतु आयी
ReplyDeleteजी सादर धन्यवाद सखी ! आभार
Deleteबहुत खूब...
ReplyDeleteवाह!!!
बहुत बहुत धन्यवाद सखी
Deleteसुंदर अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteजी आभार
Deleteवाह !!!! अद्भुत
ReplyDeleteजी सादर धन्यवाद
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