सूरज
सुबह सवेरे आया सूरज।
थोड़ा सा अलसाया सूरज।।
हंसकर हमें हंसाया सूरज।
नई उमंगे लाया सूरज ।।
किरण फेंक मुस्काया सूरज।
संपूर्ण जगत में छाया सूरज।।
सोतों को जगाया सूरज ।
दया-प्रेम उपजा या सूरज।।
कलियों को खिलाया सूरज।
भटकों को राह दिखाया सूरज।।
हर प्राणी को भाया सूरज।
दिन भर जगमगाया सूरज।।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा गुरुवार 10 नवंबर 2022 को 'फटते जब ज्वालामुखी, आते तब भूचाल' (चर्चा अंक 4608) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
सुन्दर बाल-गीत
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